दोस्तों ! आज का यह पोस्ट Painful Shayari यानि की दर्द शायरी से रेलेटेड है क्योंकि आजकल लोगों के द्वारा Painful Shayari बहुत ज्यादा ही पसंद किया जा रहा है.
दर्द शायरी भला पसंद भी क्यों ना हो क्योंकि आज के वक्त में प्यार में दिल जो ज्यादा टूट रहे हैं। अगर किसी आशिक का प्यार में दिल टूटता है या किसी को भी किसी कारण से किसी से रिश्ता टूटता है, तो उसे बहुत दर्द होता है। तो ऐसे परिसिथति में वह बंदा दर्द शायरी को पढ़ना और गुनगुनाना पसंद करता है।
Dard Bhari Shayari 2 Line in Hindi
अगर आप भी दर्द से भरी शायरी को खोज रहे हैं तो यकीन मानिये अब आपकी खोज खत्म हुई क्योंकि आज के इस बेहतरीन पोस्ट में आपके लिए ढ़ेर सारे उम्दा दर्द शायरी प्रस्तुत किया गया है। जिसे पढ़कर आप भी थोड़ा-बहुत अच्छा फील करेंगे। आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट पसंद आएगा।
हिंदी में बेहतरीन दो लाइन दर्द से भरी शायरी
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रात को कह दो कि जरा धीरे धीरे गुजरे।
बड़ी मिन्नतो बाद आज दर्द सोया है।।
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दर्द से डर नहीं लगता क्योंकि
दर्द को मेरे से डर लगता है।
जब ही तो हर बार दुगुना होकर,
आता है मेरे को डराने के लिए।।
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पूरी दुकान बिक जायेगी मुँह-मांगी कीमत पर।।
जिस दिन दर्द-ए-दिल की दवा बाज़ार में आयेगी।।
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दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया।।
लोग सोचते है कि इसको तो तकलीफ ही नहीं होती।।
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छोटी सी उम्र में हमने भी एक गुनाह कर दिया।
दर्द सहने के बजाय लिखना शुरु कर दिया।।
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आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है।
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।।
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किन लफ़्ज़ों में बंया करूँ,
दर्द-ए-दिल को मैं।
सुनने वाले तो बहुत हैं,
समझने वाला कोई नही।।
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वो कहते है कि बता तेरा दर्द कैसे समझूँ।
मैंने कहा इश्क़ कर और करके हार जा।।
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मुझे किसी ने पुछा दर्द की कीमत क्या है।
मुझे नहीं पता, मुझे तो मुफ्त में दे जाते है।।
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कैसे तुम दर्द दे कर भी मुस्कुरा लेते हो।
मैं तो तुम्हें डांट कर भी रो पड़ता हूं।।
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जैसा दर्द हो वैसा मंज़र होता है।
मौसम तो इंसान के अंदर होता है।।
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इंसान मेरा दर्द समझ सकते ही नहीं।
मैं अपने सारे ग़म खुदा को दिखाऊँगा।।
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ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है।
जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है।।
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दर्द बन के निकलूंगा तेरी आंख से।
लोग तेरे आसुओं में मेरी तस्वीर देखेगें।।
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लोग कहते हैं जो दर्द देता है वही दवा देता है।
पता नहीं इन फ़िज़ूल की बातों को कौन हवा देता है।।
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मुझे इस लिए भी पसंद है दर्द मंद लोग।
खुद टूट जाते है किसी का दिल नही तोड़ते।।
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मोहब्बत में किसी का बिछड़ जाना !
उस महबूबा के दर्द जैसा है,
जिसे मुंह दिखाई में तलाक मिला हो।।
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बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में,
जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।
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बड़े महफ़िल का सितारा,
दो गज रस्सी से हार गया।
जिंदगी की उलझन या इश्क़ का दर्द
उसे यू सरेआम मार गया।।
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चलो दोस्तो आज दर्द बाँटते है।
तुम दरवाजे में ऊँगली,
डालो मैं तुम्हारे साथ चिल्लाऊंगा।।
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मेरी फितरत में नहीं,
अपना दर्द बयां करना।
अगर तेरे वज़ूद का हिस्सा हूँ,
तो महसूस कर मुझे।।
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शायर भी अजीब तरह से इश्क फरमाते है !
आंसुओ को दावत पर बुलाते है,
और दर्द का जश्न मनाते है...
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सोचा था बतायेंगे हर एक दर्द तुमको !
लेकिन
तुम इतना भी ना पूछे की खामोश क्यो हो?
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मरीज़ दर्द मै सहने का बन बैठा था !
किस्मत का खेल था,
मोहरा उसका मै था
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कुछ गहरा सा लिखना था,
"इश्क" से ज्यादा क्या लिखूं ?
कुछ ठहरा सा लिखना था,
"दर्द'' से ज्यादा क्या लिखूं ?
कुछ समन्दर सा लिखना था,
"आँसू" से ज्यादा क्या लिखूं ?
सुनो अब जिन्दगी लिखनी है,
"तुमसे" ज्यादा और क्या लिखूं ?
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दर्द के बाज़ार में,
खूब तरक्की कमा रहा हूं।
पहले छोटी सी दुकान थी,
अब शोरूम चला रहा हूं।।
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कभी साथ बैठो..
तो कहूँ कि दर्द क्या है ?
अब यूँ दूर से पूछोगे..
तो ख़ैरियत ही कहेंगे।।
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मेरा दर्द भी अब किसी को अच्छा लगने लगा ही।
लगता है आपको भी मुझसे मोहब्ब्त होने लगा है।।
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मेरे ही दर्द ने मेरे जख्मों से शिकायत की है,
आँसुओं ने भी मेरे सब्र से बगावत की है।
गम मिला है तेरी चाहत के समुंदर में मुझे,
हाँ मेरा जुर्म है, कि मैंने मुहब्बत की है।।
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सोचता हूँ ना किया करूँ,
अपने दर्द-ए-दिल को शायरी में बयां।
लोग और टूट जाते हैं…
हर लफ़्ज को अपनी दांस्तान समझकर।।
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तेरा इश्क़ भी बड़ा बेदर्दी है सनम,
सांसे भी ले जाता है मरने भी नहीं देता।
तूँ वादा तो करता है साथ रहने का,
बस दर्द रहता है तूँ दिखाई नहीं देता।।
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दर्द क्या है ~ तुझसे दूरी।
नशा क्या है ~ तेरी बाँहें।।
सुंदर क्या है ~ तेरा साथ।
मीठा क्या है ~ तेरी बातें।।
खुशी क्या है ~ तेरी मुस्कान।
स्वाद क्या है ~ तेरे लब।।
रात क्या है ~ तेरी खामोशी।
सूरज क्या है ~ तेरी चमक।।
ख्वाब क्या है~तेरा दीदार।
गहरा क्या है~तेरी आँखें।।
सुकून क्या है~तेरी आवाज़।।
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तुम महकना छोड़ दो
मैं बहकना छोड़ दूँ।
तुम अदाएँ बख्श दो
मैं आवारगी छोड़ दूँ।
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तुम आँखों में बसा लो,
मैं तैरना छोड़ दूँ।
तुम नज़रें मिला लो,
मैं लिहाज़ छोड़ दूँ।
तुम खुशी बन जाओ,
मैं दर्द का लिहाफ छोड़ दूँ।
तुम मुझ मे मुकम्मल हो जाओ,
फिर कहो तो दुनिया छोड़ दूँ।
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मुखौटे हज़ार बदले मैंनें कि कोई मुझे पहचान न ले !
पर कमबख़्त दर्द इतना शातिर निकला,
कि हर बार मेरा दामन थाम लेता है।।
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किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
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हम हर चोट का इलाज इश्क़ से करते है,
सर दर्द होने पर पेनकिलर से पहले चाय पीते है।
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इश्क़ के दर्द ही कुछ ऐसे हैं,
लोग जान दे देते हैं !
इंतजार करते करते।
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तु इश्क हैं या ईबादत हैं मेरी,
हा बस एक आदत सी बन गया है।
तुझे इस कदर चाहने लगे हैं हम,
के हर दर्द मे राहत सी बन गया है।।
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धोखा, बेवफाई उसने की,
और बदनाम हम हुए।
इस दर्द-ए-शायरी के हर,
अल्फाज अब उसके नाम हुए।।
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एक ही ज़ख्म नहीं पूरा वजूद ज़ख्मी है ....
दर्द भी हैरान है कहां कहां से उठे !!!!
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कहीं तो कारवां ए दर्द की,
अब मंज़िल ठहर जाये।
किनारे आ लगे उमर ए रवाँ,
या अब दिल ठहर जाये।।
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जब फुरसत मिले तो चाँद से,
मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना।
एक वो ही है मेरा,
हमराज तेरे जाने के बाद।।
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रात इकाई, नींद दहाई।
ख़्वाब सैकड़ा, दर्द हज़ार।।
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तुझसे दूर बहुत दूर चला जाऊँगा।
अब तेरी कहानी में मैं न रह पाऊंगा।।
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बहुत दर्द है यारा तेरी मोहब्बत में।
तुझसे इश़्क मेरी जान,
अब न कर पाऊँगा।।
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सुना है खुदा की इब़ादत में सुक़ून है बहुत।
अकीदत कदमों में डाल,
उसी का हो कर रह जाऊंगा।।
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ये तो मुकद्दर की बात है,
वरना शब्दों में कहा बयां होती है मोहब्बत।
लिखने वाला ही जानता है अपना दर्द,
पढ़ने वाला तो सिर्फ शब्द पढ़ता है।।
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थोड़े सँवरे हैं...बहुत बिखरे हैं।
दर्द के आईने में..साँवले से सभी के चेहरे हैं।।
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आंखे तो प्यार में दिल की जुबान होती हैं,
सच्ची चाहत सदा ही बेजुबान होती हैं।
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प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना।
सुना है दर्द से चाहत और भी जवां होती है।।
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लोग कहते हैं जो दर्द देता है वही दवा देता है।
पता नहीं इन फ़िज़ूल की बातों को कौन हवा देता है।।
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पूरी दुकान बिक जायेगी मुँह-मांगी कीमत पर।
जिस दिन दर्द-ए-दिल की दवा बाज़ार में आयेगी।।
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हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में।
कुछ दर्द चले जाते है,
अपनो के साथ मुस्कुराने में।।
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वो हँस पड़ें तो कई दर्द टाल देता है।
खुदा किसी किसी को ही ये कमाल देता है।।
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थक गया दर्द भी अपनी अदाकारी करते करते।
ए खुशी अपनी तू भी अपना किरदार निभा दे।।
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आँसू है पर दिखाऊँ किसे ?
दर्द है पर बताऊँ किसे ?
कोई नही अपना कहने वाला !
अपनी कहानी सुनाऊँ किसे ?
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--: निष्कर्ष :--
इस पोस्ट में धोखा खाये और दिल टूटे लोगों के लिए उम्दा और बेहतरीन शायरियां प्रस्तुत किया गया है। आशा करता हूँ आपको अच्छी लगी होगी क्योंकि सभी शायरियां एक से बढ़कर एक है। अगर आपको अच्छी लगी है तो आप अपने दोस्तों के संग अवश्य शेयर करें।