प्रेमचंद के महानता का कारण क्या है?
दोस्तों !
प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य तथा उर्दू भाषा के महान लेखकों में से एक थे। हिंदी भाषा जगत में प्रेमचंद जी का अत्यधिक उच्च एवं गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है। प्रेमचंद एक ऐसे लेखक थे, जो राष्ट्र, समाज और लोगों के हरेक पहलुहों को छुआ था। सभी तरह की रंग उनके कलम की स्याही से निकले थे। प्रेमचंद एक बहु-प्रतिभाशाली लेखक थे। हिंदी जगत में उनका अतुलनीय योगदान था। अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों को साहित्य से जोड़ने और समाज के कार्यों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। उनके अद्भुत लेखन-कला से प्रभावित होकर देश के महान लोगों ने उन्हें उपन्यास-सम्राट और कलम के सिपाही नाम देकर सम्मानित किया। आज भी उन्हें आधुनिक हिंदी कहानी के पितामह कहा जाता है।
प्रेमचंद जी बचपन से ही सरल सहज और दयालु स्वभाव के थे। कभी भी किसी से व्यर्थ के बहस नहीं करते थे। हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे। ईश्वर के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास अटूट था। वह सादा जीवन उच्च विचार के व्यक्ति थे। उन्होंने कई कहानियों, उपन्यासों और लेखों की रचना की। प्रेमियों की विरह वेदना हो, लोगों की दर्द भरी दास्तां हो,सामाजिक कुरीति हो या भ्र्ष्टाचार हो सबको प्रेमचंद जी ने अपने कलम के माध्यम से इतने सजीव और मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया की लोगों को पढ़ते हीं चलचित्र की तरह सामने साकार हो उठते थे। प्रेमचंद जी सच बोलने और लिखने से कभी नहीं हिचकते थे। लोग उन्हें कलम के सिपाही और उपन्यास सम्राट के नाम से भी जानते थे। सचमुच प्रेमचंद एक महान व्यक्ति थे और वे अपनी लेखनी के लिए प्रसिद्ध थे.
प्रेमचंद ने क्या लिखा था?
मुंशी प्रेमचंद जी के सभी रचनाओं को अगर पढ़ा जाय तो उत्तर यही मिलता है उन्होंने क्या नहीं लिखा! प्रेमचंद जी ने अपने पुरे जीवन काल में कई लेखों, कहानियों, उपन्यासों और रचनाओं को लिखा था। वह एक ऐसे लेखक थे, जो अपनी लेखों में सत्य, स्पष्ट और थोड़ा-बहुत कड़वे शब्दों का उपयोग करते थे। मुंशी प्रेमचंद जी की रचनाओं और लेखन-कार्य का मूल उदेश्य राष्ट्रीय-जागरण और समाज-सुधार था। प्रेमचंद जी अपनी रचनाओं को सरल और मार्मिक ढंग से लोगों के सामने प्रस्तुत करते थे ताकि लोग आसानी से समझ जाए। उनके रचनाओं, कहानियों और उपन्यासों में मजदुर, किसान और शोषित-वर्ग के लोगों के लिए सहानुभूति साफ झलकती थी। सच्चाई का आदर्श और सटीक चित्रण उनकी रचनाओं में स्पष्ट दिखता है।
प्रेमचंद द्वारा लिखी कुछ प्रमुख उपन्यास के नाम
सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कायाकल्प, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि।
प्रेमचंद द्वारा लिखी कुछ प्रमुख नाटक के नाम
संग्राम, कर्बला, प्रेम की वेदी आदि।
प्रेमचंद द्वारा लिखी कुछ कहानियों के नाम
दो बैलों की कथा, पंच-परमेश्वर, पूस की रात, ईदगाह, कफन, बूढ़ी काकी, दूध का दाम आदि
प्रेमचंद द्वारा लिखी कुछ लेखों के नाम
साहित्य का उदेश्य, पुराना जमाना-नया जमाना, स्वराज के फायदे आदि।
इसके अलावे और भी कई प्रमुख और मार्मिक रचनाओं को वे लिखे थे।
दोस्तों प्रेमचंद जी ने कई तरह के विचारों, कोट्स और अनमोल सुविचारों को लिखे थे। जो जनमानस के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। उनमें से कुछ आपको लोगों के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, आशा है आपको पसंद आएगी।
मुंशी प्रेमचंद जी के अनमोल विचार
सौभाग्य उसी को मिलती है,
जो कर्तव्य-पथ पर डटे रहते हैं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
अमीरी की कब्र पर उगी गरीबी,
बहुत हीं जहरीली होती है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
जीवन में कामयाब होने के लिए,
शिक्षा की जरुरत है!
डिग्री की नहीं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
भाग्य पर भरोसा,
वही करता है!
जिसमें पौरुषता नहीं होती।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
दौलत से व्यक्ति को,
जो सम्मान मिलता है!
वह उसका नहीं,
बल्कि उसके दौलत का है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
अन्याय होने पर चुप रहना,
अन्याय करने के बराबर है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
इंसान सब है!
पर इंसानियत तो विरलों में है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
व्यक्ति का मूल्यांकन!
उसके विचारों के आधार पर किया जाता है,
ना की उसके पहनावे और पैसे पर।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
कभी-कभी हमें लोगों से भी,
शिक्षा मिल जाती है,
जिसे हम मुर्ख समझ लेते हैं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
जब हम अपनी भूल लज्जित होते हैं!
तो सही बात अपने आप,
जुबान से निकल पड़ती है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
निज-स्वार्थ साधने में व्यक्ति,
बावला हो जाता है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन,
उसका अहंकार होता है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
जीवन में यश त्याग से मिलता है,
धोखाधड़ी करने से नहीं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
जो कभी रो नहीं सकता!
वो कभी प्रेम नहीं कर सकता,
क्योंकि दोनों एक स्त्रोत से निकलते हैं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
शिक्षित बनना अच्छी बात है,
इससे जीवन की कुछ समस्याएं हल हो जाती है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
राष्ट्र-भक्ति से हीन व्यक्ति राष्ट्र के लिए बोझ है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
अपनी झोपडी में राज करना!
दूसरे की महल में,
गुलामी करने से बेहतर है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
ये सब दौलत के खिलौने हैं।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
कार्य-कुशल व्यक्ति की,
जरुरत सभी जगह होती है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
जिस आदमी को दिन भर की
पेट भर रोटी नहीं मिलती
उसके लिए इज्जत-मर्यादा सब ढोंग है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
गलती करना, उतना गलत नहीं!
जितना इसे दुहराने में है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
गुस्से में आदमी अपने,
दिल की बात नहीं कहता!
बल्कि वह तो केवल,
दूसरे का दिल दुखाना चाहता है।
-- 🅟🅡🅔🅜🅒🅗🅐🅝🅓 --
निष्कर्ष
उपरोक्त लेखों और उनके कथनों से अब आपको अवश्य पता चल गया होगा की प्रेमचंद महान क्यों है और उन्होंने क्या लिखा था। अब आपसे यही कहना चाहूंगा की अगर आपको यह लेख ज्ञानवर्धक लगी हो तो अपने परिवार और मित्रजनों के बीच अवश्य शेयर करें।