दोस्तों !
यह किसी से छुपा नहीं है की गुलजार साहब एक महान रचनाकार - लेखक हैं। उनके द्वारा लिखी हुई यह एक शायरी, कविता, रचना और गजल सीधे दिल तक दस्तक देती है। गुलजार साहब ने अपने रचनाओं, कविताओं और शायरियों के जरिये एक पूरी दुनियां में एक अमिट छाप छोड़ी है। यहाँ पर उनके द्वारा लिखी हुई कुछ चुनिंदा शायरी -कोट्स Gulzar Shayari In Hindi प्रस्तुत है.
Heart Touching Gulzar Shayari | गुलजार साहब की दिल छू लेने वाली शायरी
दोस्तों ! गुलजार साहब ने जिस भी कविता, शायरी या गजल को रचा है, उसे लोगों ने काफी प्यार दिया है। इस लेख में मैंने उनके द्वारा लिखी हुई कुछ शायरियों को आपके सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया हूँ। आशा करता हूँ आपको सभी शायरियां अच्छी लगेगी। अगर आपको यहाँ पर प्रस्तुत शायरियां अच्छी लगती है तो शायरी पसंद करने वाले लोगों तक यह लेख अवश्य शेयर करें.
जीवन की किताब 📓 में बेशक नया पन्ना जोड़िए।
लेकिन पहले बिखरे 📜 पन्नों को प्यार से चिपकाएं।।
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ना राज है जिंदगी और ना हीं नाराज है जिंदगी।
बस जो भी है यारों , वो आज है जिंदगी ।।
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माना की जीवन में बहुत 💔दर्द है।
लेकिन मुस्कराने 😎 में क्या हर्ज है।।
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हम पातें तो बहुत कुछ हैं, अपनी जिंदगीं में।
पर गिनती उसी की करते हैं ,
जो हासिल ना हो ।।
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लाइफ में सारा झगड़ा ही ख्वाहिश का है।
ना ही किसी को गम चाहिए और ना कम।।
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कभी तानो में कटेगी , कभी तारीफों में कटेगी।
ये जीवन है दोस्तों , यह पल-पल घटेगी।।
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मैं सिगरेट नहीं पीता ,
पर हर एक से पूछ लेता हूँ।
माचिस है क्या ?
क्योंकि बहुत कुछ है मेरे पास ,
जिसे मैं जला देना चाहता हूँ।।
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आहिस्ता-आहिस्ता ये वक्त गुजरता गया।
लगी चोट पर चोट पर मैं संभलता गया।।
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साथ में हम थे और मेरे तन्हाई।।
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कुत्ता पालो , बिल्ली पालो।
लेकिन वहम मत पालो की ,
तुम्हारे वगैर कोई रह नहीं सकता।।
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गुलजार कहते हैं कि
बोली इंसान के बारें में ,
बहस ज्ञान के बारें में ,
घमंड पैसे के बारें में और
संस्कार परवरिश के बारें में बताता है।
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गुनाह तो हो गया है यारों ,
अब सजा 💔 काट रहे हैं।
इश्क में मिले गम को हम ,
अल्फाजों में बाँट रहे हैं।।
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बार-बार मै रफ्फू करा हूँ , जीवन की जेब को।
फिर भी निकल गया है , खुशी के कुछ लम्हें।।
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उड़ जायेंगें तस्वीर से रंगों की तरह।
टहनी पर बैठे परिंदों 🐥 की तरह।।
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खटखटाते रहे मन का दरवाजा।
मुलाकात ना सही ,
आहट तो आती रहने चाहिए।।
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गुलजार व्यंग्य करते हुए लिखते हैं की ,
आजकल सांप बेरोजगार है ,
क्योंकि अब आदमी एक दूसरे को काटने है।
और कुत्ते की तरह इंसान भी तलवे चाटने लगे हैं अपने स्वार्थ के लिए।
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