Dard Bhari Shayari In Hindi। Ishq Sad Shayari In Hindi
आज की इस पोस्ट में प्रस्तुत है ढेर सारे बेहतरीन दर्द भरी शायरी। यहाँ पर प्रस्तुत सभी शायरी में दर्द का भाव जुड़ा हुआ है। इस तरह का शायरी आदमी तब गुनगुनाता है, जब वह प्यार में टूट सा जाता है। प्यार में टूटे हुए आशिकों को लिए यह सभी शायरी एक राहत देने वाली शायरियों का संग्रह है। आशा है आपको यह सभी शायरी जरूर पसंद आयेगी।
अजीब सा दर्द है,
इन दिनों यारों।
ना बताऊँ तो कायर,
और बताऊँ शायर।।
आधा ख्वाब, आधा इश्क,
आधी सी है बंदगी।
तुम मेरे हो, पर मेरे नहीं,
कैसी है यह बंदगी।।
मुझसे मेरा हाल,
एक से ज्यादा बार पूछना।
पहली बार में सबको,
ठीक हूँ ही बोलता हूँ।।
बस इश्क करने के,
हुनर में वफा होना चाहिए।।
हम अपनों से परखें गए हैं,
गैरों की तरह।
हर कोई बदलता ही गया,
हमें शहरो की तरह।।
मत कर यकीन,
पल भर की मुलाकात पर ।
जरुरत ना हो तो लोग,
पुराने रिश्ते भी भूल जाते है ।।
जिंदगी की किताब को।
बिगाड़ देंगे ज़माने वाले,
जमे-जमाये हिसाब को।।
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तजुर्बा कहता है रिश्तो में,
थोड़ा फासला रखिए।
ज्यादा नजदीकियां,
अक्सर दर्द दे जाती हैं।।
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तुम हमे क्यों इतना दर्द देते हो।
जब जी में आये तब रुला देते हो।।
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लफ़्ज़ों में तीखा पन और नजरो में बेरुखी।
ये कैसा इश्क है जो तुम हमसे करते हो।।
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छिपा कर दर्द अपनी हंसी में।
मै अंदर से खोखला हो रहा हूं।।
क्या सुन सकती है तू भी मेरी
आवाज़
मै तो सिर्फ तेरे लिए रो रहा हूँ
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दर्द समझना हो मेरा तो कभी मेरे दिल में झाक लेना।
वक्त मिले कभी तो दिल से दिल को बदलकर देख लेना।।
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कौन खरीदेगां अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंसू।
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने।।
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दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते।
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते।।
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उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ।
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते।।
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खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से।
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।।
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मैं अपना दर्द तुझे क्यूँ बताऊं।
जब मेरे हिस्से का मुझे ही रोना हैं।।
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मेरी जिंदगी से कुछ दर्द, हटा दे कोई।
कौन लिखता है किस्मत बता दे कोई।।
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आंखों के आंसुओं को हम किसी और
की आंखों से गिरने नहीं देते।
खुद सह लेते हैं दर्द का अपना समझकर
किसी अपने को हम दर्द से गुजरने नहीं
देते।।
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हम दर्द से हाथ ना मिलाते तो क्या करते।
हम ग़म के आँसू ना बहाते तो क्या करते।।
उसने मांगी थी रौशनी हम से हम खुद को,
ना जलाते तो क्या करते।।
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आंखों के दर्दों को देखकर समझ लो यारो।
हम भी किसी माशूका के प्रेमी रहे है।।
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दर्द का साज़ दे रहा हूँ तुम्हे,
दिल का हर राज़ दे रहा हूँ तुम्हे।
ये गज़ल-गीत सब बहाने हैं,
मैं तो आवाज़ दे रहा हूँ तुम्हे।।
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कुछ दर्द,परेशानियां मेरे ही हिस्से आनी थीं।
और लोग पूछते है इतने दुबले कैसे होते जा रहे हो।।
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मुस्कुराते हुए चेहरे अक्सर ख़ामोशी से
अपनी एक मुस्कान की ओट में
छुपा जाते हैं
अनगिनत ख़्वाहिशों के
टूटने का दर्द।
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कम अगर हो भी गया ... कौन सी हद तक होगा।
दर्द है..........टूट के आधा तो नहीं हो सकता।।
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इंसान को दर्द कोई इंसान नही बल्कि
उसकी उम्मीदें देती है, जो वह लगाए रहता है।
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दर्द क्या है यही तो पूछा था।
क्या ज़रूरत थी, दूर जाने की।।
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इश्क ने मुझे जख्म तो बहुत दिए है।
और दर्द तो जैसे मुझे तोहफे में मिले है।।
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दिन गुज़रता है कहाँ रात कहाँ होती है।
दर्द के मारों से अब बात कहाँ होती है।।
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वो मेरा दर्द सुन के फ़क़त उदास हुआ।
मैं सोचता ही रहा अब गले लगाए गा मुझे।।
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मिलन बिछड़ना संग जुदाई ये किस्मत के मेले।
आँसू ग़म और दर्द मोहब्बत ये किस्मत के खेले।।
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दर्द के मंज़र निगाहों से उठा लेते हैं हम।
दौर कैसा भी हो थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं हम।।
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--: निष्कर्ष :--
दोस्तों ! आज के वक्त में अधिकांश व्यक्ति किसी ना किसी दर्द से पीड़ित है चाहे वह किसी कारणवश हो। ऐसी परिसिथति में दर्द शायरी को गुनगुनाता है इसलिए उपरोक्त शायरियां दिलजले आशिकों को मन भायेगा। आशा है आपको अच्छी लगी होगी।